अमेठी, 01 जून – जिले के किसानों के लिए राहत और सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी पहल की गई है। ‘प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलंबन योजना’ की शुरुआत अमेठी में हो गई है, जिसका उद्देश्य किसानों को एक ही छत के नीचे खेती-किसानी से जुड़ी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराना है। योजना के अंतर्गत ‘एग्रीजंक्शन’ कृषि ज्ञान केंद्रों की स्थापना की जा रही है, जहां किसान बीज, उर्वरक, जैविक खाद, कीटनाशक, सूक्ष्म पोषक तत्वों सहित अन्य सभी आवश्यक कृषि निवेश आसानी से प्राप्त कर सकेंगे।
उप कृषि निदेशक सत्येन्द्र कुमार ने जानकारी दी कि यह योजना वन स्टॉप शॉप मॉडल पर आधारित है, जिसमें किसानों को न केवल जरूरी सामान बल्कि तकनीकी जानकारी और परामर्श भी मिलेगा। इससे उन्हें इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं होगी।
कृषि स्नातकों के लिए सुनहरा अवसर
इस योजना के तहत जिले में रहने वाले कृषि स्नातक या परास्नातक युवाओं को भी रोजगार और सेवा का अवसर मिलेगा। ये युवा कृषि ज्ञान केंद्रों का संचालन करेंगे। इसके लिए आवेदकों को 15 जुलाई 2025 तक उप कृषि निदेशक कार्यालय में आवेदन करना होगा।
-
आवेदनकर्ता की अधिकतम आयु 40 वर्ष निर्धारित की गई है।
-
अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं को आयु में 5 वर्ष की छूट दी गई है।
-
चयनित अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और उनके लिए तीन वर्ष तक ब्याज मुक्त ऋण की व्यवस्था की गई है, जो संबंधित बैंक के माध्यम से प्रदान किया जाएगा।
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज:
-
पासपोर्ट साइज फोटो सहित बायोडाटा
-
शैक्षिक योग्यता प्रमाण पत्र
-
आधार कार्ड, बैंक पासबुक
-
निवास प्रमाण पत्र और जाति प्रमाण पत्र की स्वप्रमाणित प्रतियां
आवेदन पत्र उप कृषि निदेशक कार्यालय से निःशुल्क प्राप्त किए जा सकते हैं।
यह योजना न केवल किसानों को सुविधा देने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि कृषि क्षेत्र में प्रशिक्षित युवाओं के लिए स्वरोजगार का एक मजबूत मंच भी प्रदान करती है। किसानों और युवाओं दोनों के लिए यह एक बड़ा अवसर है, जिससे कृषि को तकनीक और सेवा से जोड़ने का रास्ता खुलेगा।